पिया बसंती रे Piya Basanti Re - Song Lyrics in Hindi
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
मैं कैसे कह दूँ मुझको तुम्हारे बिना
ये जिन्दगी क्या है मैं कैसे कह दूँ
मुझको तुम्हारे बिना ये जिन्दगी क्या है
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पिया बसंती रे Piya Basanti Re - Song Lyrics in Hindi |
मेरे दिल की परछाइयों में
दिल की बातें छुपाई हो
कैसे कह दूँ मैं ख्वाबों में
वो यादें तेरी बसाई हो
मैं कैसे कह दूँ मुझको तुम्हारे बिना
ये जिन्दगी क्या है मैं कैसे कह दूँ
मुझको तुम्हारे बिना ये जिन्दगी क्या है
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
बसंती, पिया बसंती रे
बसंती, पिया बसंती रे
अन्धरे में आपकी बातें
कुछ खो जाती हैं
राह में ये बिछी हैं बातें
कुछ खो जाती हैं
मैं कैसे कह दूँ मुझको तुम्हारे बिना
ये जिन्दगी क्या है मैं कैसे कह दूँ
मुझको तुम्हारे बिना ये जिन्दगी क्या है
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
पिया बसंती रे का जाना जो
काहे सताये आई मोरी मैली चुनरिया ले गयो
बसंती, पिया बसंती रे
बसंती, पिया बसंती रे
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
सरक चुनरिया जब माय करे
तो रात सुहानी लागे
सरक चुनरिया जब माय करे
तो रात सु़हानी लागे
चुनरिया जब माय करे
तो रात सु़हानी लागे
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
रतियों में जब वो जब बसे
तो नैन ही सुना दे सारी बातें
रतियों में जब वो जब बसे
तो नैन ही सुना दे सारी बातें
रतियों में जब वो जब बसे
तो नैन ही सुना दे सारी बातें
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
बिन सावन बरसात नहीं आयी
बिन सावन बरसात नहीं आयी
बिन सावन बरसात नहीं आयी
बिन सावन बरसात नहीं आयी
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, कैसे जियूँ मैं पिया
पिया बसंती रे, का संग लेतो खाँसती रे
पिया बसंती रे, का संग लेतो खाँसती रे
दिल भी जवाँ होता है, मन में रावण होता है
इनकी आँखों में एक बसंती छायी
पिया बसंती रे, का संग लेतो खाँसती रे
बड़े दिनों के बाद यह आयी, खोज के सखियों के मन ही पायी
कह आँगण में आ बैठो, खाँसती रे
जिनका है तुमको इंतजार, जिनकी है तुमको ख्वाब सारे
उनके होंठों पे आँखों के बिस्तार, खाँसती रे
पिया बसंती रे, का संग लेतो खाँसती रे